About hanuman chalisa

हाथ वज्र औ ध्वजा बिराजै। काँधे मूँज जनेऊ साजै॥

acquiring polished the mirror of my coronary heart Along with the dust of my Guru’s lotus feet, I recite the divine fame of the best king of Raghukul dynasty, which bestows us Along with the fruit of every one of the four efforts.

भावार्थ – आपने वानर राज सुग्रीव का महान् उपकार किया तथा उन्हें भगवान् श्री राम से मिलाकर [बालि वध के उपरान्त] राजपद प्राप्त करा दिया।

व्याख्या— रुद्रावतार होने के कारण समस्त प्रकार की सिद्धियाँ एवं निधियाँ श्री हनुमान जी को जन्म से ही प्राप्त थीं। उन सिद्धियों एवं निधियों को दूसरों को प्रदान करने की शक्ति माँ जानकी के आशीर्वाद से प्राप्त हुई।

अर्थ - आपने विकराल रुप धारण करके राक्षसों को मारा और श्री रामचन्द्र जी के उदेश्यों को सफल कराया।

लङ्केस्वर भए सब जग जाना ॥१७॥ जुग सहस्र जोजन पर भानु ।

व्याख्या – गुरुदेव जैसे शिष्य की धृष्टता आदि का ध्यान नहीं रखते और get more info उसके कल्याण में ही लगे रहते हैं [ जैसे काकभुशुण्डि के गुरु], उसी प्रकार आप भी मेरे ऊपर गुरुदेव की ही भाँति कृपा करें ‘प्रभु मेरे अवगुन चित न धरो।’

सुग्रीव बालि के भय से व्याकुल रहता था और उसका सर्वस्व हरण कर लिया गया था। भगवान् श्री राम ने उसका गया हुआ राज्य वापस दिलवा दिया तथा उसे भय–रहित कर दिया। श्री हनुमान जी ने ही सुग्रीव की मित्रता भगवान् राम से करायी।

O the Son of Wind, You would be the destroyer of all sorrows. You would be the embodiment of fortune and prosperity.

You have the essence of Ram bhakti, may perhaps You usually keep on being The common-or-garden and devoted servant of Raghupati. 

बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार ॥

By your grace, one will Visit the immortal abode of Lord Rama just after Dying and continue being dedicated to Him. 

You flew to the Sunlight that is A large number of decades of Yojanas away, thinking of him as a sweet fruit

व्याख्या – देवता, दानव और मनुष्य तीनों ही आपके तेज को सहन करने में असमर्थ हैं। आपकी भयंकर गर्जना से तीनों लोक काँपने लगते हैं।

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